oldest CEO and Advertisement personality and masala king dharmpal gulati died at the age of 98 years in New Delhi

भारत के सबसे उम्रदराज़ सीईओ और एडवरटाइजिंग स्टार ‘एमडीएच के दादाजी’ महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 वर्ष की उम्र में देहांत:

नयी दिल्ली – भारत के सबसे बड़े मसाला ब्रांड एमडीएच के टेलीविजन विज्ञापनों से मशहूर और घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाले ‘एमडीएच के दादाजी’ महाशय धर्मपाल गुलाटी का आज 98 वर्ष की उम्र में दिल्ली में देहांत हो गया. कभी उन्होंने अपना तांगा बेचकर दिल्ली के करोल बाग से मसाले के कारोबार की शुरुआत की थी, धर्मपाल गुलाटी ने अपने दम पर 2000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया और 94 वर्ष की उम्र में वे देश के FMCG क्षेत्र में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ बने, जब उनकी तनखाह लगभग 25 करोड़ रुपये वार्षिक थी.

मसाला किंग धर्मपाल गुलाटी का जन्म सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में 27 मार्च 1923 को हुआ था और विभाजन के बाद वह भारत आ गए। उनका परिवार विभाजन के दौरान 1947में अपना सब कुछ छोड़कर दिल्ली आ गए थे, उनके पिता की सियालकोट में मसालों की दुकान थी, जिसका नाम ‘महाशियां दी हट्टी’ (एमडीएच) था, उनकी दुकान ‘देगी मिर्च वाले’ के नाम से काफी मशहूर थी, महाशय जी की शिक्षा मात्र कक्षा पांच तक थी उनको मजबूरी में स्कूल छोड़ना पड़ा था, इसके बाद उन्होंने लकड़ी का काम सीखा, साबुन फैक्टरी, कपड़े की फैक्टरी और चावल मिल में काम किया, दिल्ली आने पर उनके पास महज 1500 रुपये थे जिसमे से उन्होंने 650 रुपये में एक तांगा खरीदा और कुछ दिनों के लिए इसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड तक और करोल बाग से बारा हिंदू राव तक चलाया.

कुछ समय उन्होंने तांगा अपने भाई को दे दिया और अक्टूबर 1948 में करोल बाग के अजमल खान रोड में एक छोटी सी दुकान खोलकर अपने पुश्तैनी कारोबार को फिर से शुरू करने के लिए अपनी गाड़ी बेच दी और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. व्यवसाय बढ़ने के साथ ही वह खुद देगी मिर्च, चाट मसाला और चना मसाला जैसे एमडीएच के सबसे प्रसिद्ध उत्पादों के टेलीविजन विज्ञापनों में दिखाई देने लगे, इस समय एमडीएच के 50 से अधिक उत्पाद हैं. जो देश भर की 18 फैक्टरियों में तैयार किये जाते हैं. एमडीएच मसालों कि पूरे विश्व में मांग है.

वर्ष 2017 में 21 करोड़ रुपये वेतन पाने वाले गुलाटी ने कहा कि वह अपने महाशय चुन्नी लाल चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से अपनी लगभग 90 प्रतिशत संपत्ति दान करेंगे, यह ट्रस्ट दिल्ली में एक 250 बिस्तर वाला माता चानन देवी अस्पताल भी चलता है, जिसमें झुग्गी-झोपड़ी के लोगों के इलाज की सुविधा के साथ ही चार विद्यालयों के लिए एक मोबाइल अस्पताल भी है. गुलाटी ने 20 से अधिक स्कूलों की स्थापना की, उन्हें 2019 में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. महाशय धर्मपाल गुलाटी के निधन पर सोशल मीडिया में बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक श्रद्धांजलि दे रहे हैं, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी.

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