इंदौर – मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराज यशवंत राव अस्पताल (एमवायएच) में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, यहां मॉर्चरी रूम में स्ट्रेचर पर रखा एक शव अंतिम संस्कार के इंतजार में सड़ सड़ कर कंकाल में तब्दील हो गया, जब यह मामला सामने आया तब हड़कंप मच गया, इसके बाद उस तत्काल बॉडी को वहां से हटवा दिया गया, हद तो यह हो गयी कि बदबू फैलने के बाद भी किसी ने इस ओर ध्यान तक नहीं दिया, हॉस्पिटल अधीक्षक का कहना है कि जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.
सबसे ताज्जुब की बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी, कोरोना काल में, जबकि मरच्यूरी में शवों के आने-जाने का सिलसिला लगातार बना हुआ है, इस घटना से अस्पताल में कोरोना की गाइडलाइन के पालन पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
मरच्यूरी के कर्मचारियों का कहना है कि शव के रखे-रखे जब उससे बदबू आने लगी तो उन्होंने कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया, लापरवाही का आरोप लगने अस्पताल प्रबंधन अब कह रहा है कि शव की पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन अज्ञात शवों के निष्पादन की भी एक प्रक्रिया है, इससे स्पष्ट है कि अस्पताल में उस प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया.
प्रक्रिया के अनुसार शव के पोस्टमार्टम के बाद 3 दिनों तक अगर उसकी शिनाख्त नहीं होती है तो नगर निगम और एनजीओ के माध्यम से उसका अंतिम संस्कार कराया जाता है, इस शव के कंकाल होने पर भी अब तक तो ना इसका पोस्टमार्टम हो पाया और ना ही पुलिस विभाग द्वारा इस पर कोई संज्ञान लिया गया.