ऑपरेशन कर्क के तहत 500 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का आरोपी सिगरेट, गुटखा व्यापारी किशोर वाधवानी को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से 10 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत रिहा करने का आदेश दिया है, हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जमानत पर रिहा होने के बाद वाधवानी इस केस से जुड़े किसी भी गवाह को प्रलोभन या धमकी नहीं देंगे, जांच एजेंसी जब भी पूछताछ के लिए बुलाएगी तो उनको उनके सामने प्रस्तुत होना होगा, उनको अपना पासपोर्ट भी एजेंसी को सरेंडर करना पड़ेगा और वो बिना अनुमति देश छोड़कर भी नहीं जा सकेंगे.
इंदौर हाई कोर्ट के जस्टिस विरेन्द्र सिंह की कोर्ट ने बाधवानी की जमानत के आदेश जारी किए हैं, वाधवानी की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पैरवी की थी, जमानत अर्जी में उल्लेख किया था कि गिरफ्तारी को पहले से ही 50 दिन हो चुके हैं और ट्रायल प्रोग्राम लम्बा चलने का अंदेशा है, इस केस से जुड़े दो आरोपियों को जमानत पहले ही मिल चुकी है, कोर्ट में दलील दी गयी कि जिस जगह विष्णु एसेंस नामक फैक्ट्री थी उस जमीन का केवल याचिकाकर्ता केवल मालिक है, वह उस फर्म में किसी तरह का पार्टनर नहीं है.
वहीं डीजीजीआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बैनर्जी ने तर्क रखे कि वाधवानी ही इस घोटाले के मुख्य किरदार है, डीजीजीआई ने कई वाहन पकडे हैं जिन पर अखबार का स्टीकर लगे हैं, उनसे ही पान मसाला की ढुलाई की जा रही थी, हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, शुक्रवार को कोर्ट ने सशर्त जमानत के आदेश जारी किए हैं.
किशोर बाधवानी को 233 करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में डीजीजीआई द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ‘कर्क’के तहत 16 जून काे मुंबई से पहले ही गिरफ्तार किया जा चूका था, इस मामले में उसके सहयोगी सहयोगी संजय माटा, विजय नायर, अशोक डागा और अमित बोथरा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, इसी ऑपरेशन के तहत पान मसाले के छापों में शुरुआत में 233 करोड़ की टैक्स चोरी बाद में जांच करने 500 करोड़ तक पहुँच गयी थी. यह भी समझा जा रहा है यह पैसा पाकिस्तान के मार्फ़त दुबई ट्रांसफर कर दी गयी है.