इंदौर – मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बुधवार को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, दरअसल उनको एक कानून के आड़े आने के कारण ऐसा करना पड़ा है, अपने पद से इस्तीफा देने के बाद तुलसी सिलावट से कई सरकारी सुविधाएं वापस ले ली गई हैं, अब उन्होंने सुविधाओं के बिना ही अपना चुनाव प्रचार जारी रखा है
दरअसल कानून के अनुसार किसी भी व्यक्ति के राज्य सरकार में मंत्री पद लेने के बाद उसको 6 महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना होता है, मंत्री पद छोड़ने के बाद अपने प्रचार के दौरान सिलावट ने कहा कि ‘मेरे मंत्री पद को बुधवार को 6 महीने हो रहे हैं, मैंने कल ही इस्तीफा दे दिया, उन्होंने कहा पद मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है, मेरे लिए सेवा, मप्र का विकास और प्रगति महत्वपूर्ण है.
तुलसी सिलावट ने कहा कि उन्होंने पहले भी कांग्रेस छोड़ी, विधायक और मंत्री पद छोड़ा, मेरे लिए मेरा क्षेत्र महत्वपूर्ण है, मैंने अभी भी इस्तीफा दिया है, त्याग-समर्पण मेरी भावना है, मेरे लिए क्षेत्रवासियों की सेवा करना ज्यादा जरूरी है, मंत्री पद महत्वपूर्ण है, लेकिन सेवा बिना मंत्री पद के भी की जा सकती है.