प्रयागराज – इंसान कभी हार नहीं मानता और कुछ न कुछ नया करना चाहता है, कोरोना के संकट काल में अपनी खो चुकी नौकरी की वजह से अपने गाँव का रुख किया और 2019 में एक प्रयोग के तौर पर लगाए गए सेब के पेड़ों को अपने रोजगार का साधन बना लिया, प्रयागराज (इलहाबाद) अपने रसीले और स्वादिष्ट अमरूदों के लिए विश्व में प्रसिद्द है पर यहां एक शक्श अब सेब की खेती कर सबको आश्चर्य चकित कर दिया है.
कोविड-19 के दौर में रोजगार संकट भी एक बड़ा सवाल है, मुंबई में ड्राइवर का काम करने वाले रूद्र प्रताप सिंह की मुलाकात शिमला के एक किसान से हुई जो मुंबई में सेब सप्लाई करता था, उसके मार्फ़त शिमला उन्होंने सेब के 200 पौधे मंगवाए थे, जो उन्होंने गाँव में अपनी जमीन में लगाए पर उन पौधों की न तो बढ़त हुई न ही फल लगे, इससे रुद्र प्रताप को निराशा हुई मगर उन्होंने हार नहीं मानी, इसके बाद उन्होंने देहरादून के एक किसान से सेब की कलम मंगाई और ग्राफ्टिंग तकनीक का सहारा लिया, उन्होंने यहां पहले से लगाए गए पौधों में नए पौधों की कलम ट्रांसप्लांट करा दिया, इसके बाद चमत्कार हो गया एक साल के भीतर ही खेत का नजारा बदल गया और अब पौधे फल देने लगे हैं.
अब उनके खेत में सेब की फसल बढ़िया हो रही है रूद्र प्रताप ने अब मुंबई जाने का इरादा छोड़ दिया है अब वो अपने पिता के साथ सेब की खेती और उसके व्यापार का विचार कर रहे हैं
जो उड़ाते थे मजाक अब करते हैं तारीफ
रुद्र प्रताप सिंह कहते हैं जब मैंने खेत में पहली बार सेब के पौधे लगाए थे तो गांव के लोग मेरा मजाक उड़ाते थे, मुझे मूर्ख समझते थे और मुझ पर ताना मारते यही और कहते थे देखो सेब वाले आ गए, जब मेरे पौधे तैयार हो गए और फल देने लगे तो वही लोग मेरे खेत की ओर निहारते हैं और पीठ पीछे मेरी तारीफ करते हैं.