छिंदवाड़ा – मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजाना में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, इस योजना के तहत गरीबों को आवास उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन भ्रष्टाचार के इस मामले में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से छिंदवाड़ा में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का मामला पकड़ में आया है, इसके बाद जिले में हड़कंप मच गया है, छिंदवाड़ा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले पैसे से मकान की जगह दुकान बना दिए गए हैं.
दरअसल, इस फर्जीवाड़े का पता छिंदवाड़ा के वार्ड नंबर 14 में पता चला है, पता चला है यह फर्जीवाड़ा नगर निगम और एजिस कंसल्टेंसी की मिली भगत से हुई है जिसमे प्रधानमंत्री आवास के तहत मकान की जगह दुकान बना दी गई, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर निर्माण के लिए 3 किस्तों में पेमेंट चिन्हित लोगों को दी जाती है. इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हो इसलिए हर पेमेंट की जियो टैगिंग की जाती है.
तमाम सख्ती के बरतने के बावजूद भ्रष्टाचारियों ने छिंदवाड़ा में मकान की जगह दुकान बनवा दी, युवा स्वाभिमान संगठन के लड़कों से जियो टैगिंग भी करवा दी गयी, जियो टैगिंग के लिए नियुक्त एजेंसी एजिस कंसलटेंसी ने छिंदवाड़ा में जियो टैगिंग के लिए 5 लड़के रखे हैं, उसके बाद भी छिंदवाड़ा में मकानों की जियो टैगिंग युवा स्वाभिमान के लड़कों से करवाई गयी, इस मकान की भी जिओ टैगिंग युवा स्वाभिमान के लड़के द्वारा ही की गई थी.
इस सारे फर्जीवाड़े में एजिस कंपनी लिप्त पाई गई है, छिंदवाड़ा के एजिस कंपनी अधिकारी इस फर्जीवाड़े के सवाल पर बचने की कोशिश कर रहे हैं, संदेह की सुई एजिस कंसल्टेंसी की भूमिका पर टिक गयी है. प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना की निगरानी करने के लिए एजिस कंपनी को जियो टैगिंग का कार्य सौंपा गया है, एजिस कंसल्टेंसी को चिन्हित लोगों की जिओ टैगिंग कर और फोटो खींचकर उसे अपने एप में अपलोड करना होता है जिसको कंपनी का ARE वेरीफाई करता है और फाइनल अप्रूवल देना होता है उसके बाद ही प्रधानमंत्री आवास योजना की अगली किस्त चिन्हित लोगों के खाते में डाली जाती है, उसके बाद भी इतनी बड़ी चूक कही न कही मिलीभगत की बात उजागर करती है.
समाचार साभार – नवभारत टाइम्स